मैक्स प्लांक ने अपने क्वांटम सिद्धांत में में बताया कि किसी स्रोत से प्रकाश का उत्सर्जन सतत न होकर प्रकाश का उत्सर्जन ऊर्जा के छोटे छोटे बण्डल के रूप में होता है , ऊर्जा के इन छोटे छोटे बंडलों को क्वान्टा या फोटोन कहा जाता है।
फोटोन जब विराम अवस्था में होता है तब यह द्रव्यमानहिन रहता है लेकिन जब फोटोन (क्वान्टा) गति करता है तब इसमें द्रव्यमान व ऊर्जा दोनों निहित रहते है।
प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है –
फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv
यहाँ v = प्रकाश की आवृति है।
h = प्लान्क नियतांक कहते है जिसका मान (6.62606957(29) x 10-34 J s) होता है।
फोटॉन या क्वांटम को ऊर्जा का सबसे छोटा रूप माना जाता है और ऊर्जा का मान क्वान्टा या फोटोन के पूर्ण गुणज के रूप में होता है अर्थात ऊर्जा का मान 1hv , 2hv , 3hv ऐसा ही संभव है , इसका भिनात्त्मक मान आदि सम्भव नहीं है।
मैक्स प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के आधार पर जिन प्रकाश की घटनाओं की व्याख्या न्यूटन के तरंग सिद्धांत से नहीं हो पायी थी वो इस सिद्धान्त से आसानी से हो रही थी।
अर्थात मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत प्रकाश की घटना प्रकाश विद्युत प्रभाव , ब्लैकबॉडी विकिरण आदि को सरलतापूर्वक व्यख्या कर सकता है।
प्लांक समीकरण निम्न है –
E = hv
2. इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार पथ में चक्कर लगाते है , तो वह न तो ऊर्जा का उत्सर्जन और न ही ऊर्जा का अवशोषण करते है।
3. इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल उन्ही वृत्ताकार कोशों में चक्कर लगाते है जिनमें उनका कोणीय संवेग mvr = nh/2π के पूर्ण गुणज होता हो अर्थात
mvr = nh/2π
4. जब कोई इलेक्ट्रॉन एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर में जाता है तो या तो वह ऊर्जा का उत्सर्जन करता है या ऊर्जा का अवशोषण करता है।
△E = E2 – E1
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