कक्षा 10
विषय - हिन्दी
वायरल पेपर का हल
समय: 2.30 घंटा पूर्णांक - 80
निर्देश - सभी प्रश्न करना अनिवार्य है ।
बहुविकल्पीय प्रश्न:-
(1) सूरदास भक्त है
1)) राम के
2)कृष्ण
3) शिव के
4) ब्रह्म के
उत्तर:- 2)कृष्ण
2) उपन्यास सम्राट है
1) महादेवी
2) उदयशंकर
3) प्रेमचंद
4) वृंदावन
उत्तर:- 3) प्रेमचंद
3) समास के प्रकार है
1) चार
2) तीन
3) पाँच
4) छ:
उत्तर:- 4) छ:
4) गीता में पर का अर्थ है
1) बड़ा
2) अन्य
3) परमात्मा
4) विशाल
उत्तर:- 3) परमात्मा
5) गोपियाँ किसे बड़भागी कह रही है
1) सूरदास
2) कृष्ण
३)स्वयं
4) उद्घव
उत्तर:- 4) उद्घव
6) माता पिता में समास है
1) तत्पुरुष
2) द्वंद
3) द्विगु
4) अव्ययी भाव
उत्तर:- 2) द्वंद
7) ईश्वर पर विश्वास करने वाले को क्या कहा जात है
1)ईश्वरीय
2) सेवक
3) आस्तिक
4) नास्तिक
उत्तर:- 3) आस्तिक
8) उद्धव गोपियों को किसके बारे में बताते है
1) कृष्ण
2) राम
3) शिव
4) ब्रह्म
उत्तर:- 1) कृष्ण
9) शांत रस का स्थायी भाव है
1)· निर्वेद
2) रति
3) शोक
4)क्रोध
उत्तर:- 1)· निर्वेद
10)नेता जी की मूर्ति किसने तैयार की
1) राम लाल
2) मोतीलाल
3) श्याम लाल
4) किशोरी लाल
उत्तर:- 2) मोतीलाल
11)सबसे लोकप्रिय महाकाव्य है
1) रामचरितमानस
2) कामायनी
3) साकेत
4) पद्मावत
उत्तर:- 1) रामचरितमानस
रिक्त स्थान:-
1) प्रतिदिन में.........समास है ( अव्ययीभाव )
2) जयशंकर प्रसाद ने......महाकाव्य की रचना की
( कामायनी )
3) श्रंगार रस का स्थायी भाव........है ( रति )
4)सभापति का भाषण.........में छापा था( अखबारो)
5) विहारी की रचना.......है ( विहारी सतसई )
6) काव्य में......भेद होते है ( दो- द्रश्य और श्रव्य )
7)संधि.......प्रकार की होती है ( तीन )
8)........कहानी सम्राट को कहा जाता है ( प्रेमचंद )
9) सूरदास जी........रस के कवि है ( वात्सल्य रस )
१0)नींद का उद्गम........से होता है ( हीनता )
11)स्वामी रामतीर्थ......गए थे ( जापान )
एक वाक्य में उत्तर लिखो:-
1) बिना बिचारे कार्य करने से क्या होता है
उत्तर पश्चाताप करना पड़ता है
2) सुजान सिंह कोन थे ?
उत्तर- देवगढ़ रियासत के दीवान
3) सहस्त्र बाहु कोन था
उत्तर सहस्त्र बाहु महिशमती नगरी के परम प्रतापी राजा
4) रस के कितने अंग है
उत्तर चार
5) कहानी के कितने तत्व होते है
उत्तर 6
6)मानव को मानव किसने बनाया
उत्तर गुलाब ने बनाया
7) वर्णो के सार्थक समूह को क्या कहते है
उत्तर शब्द
8) जिसके समान दूसरा न हो
उत्तर- अद्वितीय
9) निंदा रस के लेखक कोन है
उत्तर- हरिशंकर परसाई
प्रश्नोत्तर :-
1) पारस में कोन सा गुण पाया जाता है .
उत्तर:- पारस में यह गुण पाया जाता है कि वह सोने को छूकर शुद्ध सोना बना देता है
2) रस क्या है इसके कितने अंग होते है
उत्तर:-
काव्य को पढ़ने और सुनने में जिस आनंद की अनुभूति और अनुभव होता हैं. उसे रस कहते हैं.
रस के 4 अंग होते हैं जो इस प्रकार है: स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव और संचारी भाव ।
3) तितलियों के रंग से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-
तितलियों के रंग से कवि का तात्पर्य रंग बिरंगे वस्त्राभूषणो से सुसज्जित चंचल बालाओ
से है
4) सूरदास जी का जीवन परिचय- रचनाए, काव्य गंत विशेषताएँ लिखो
उत्तर:-
सूरदास- 1
दो रचनाएँ :- सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी ।
भाव पक्ष:- सूरदास ने अपने काव्य में ब्रजभाषा का प्रयोग किया है, भाषा साहित्यिक होते हुए भी बोलचाल के बहुत निकट है । सूर की भाषा में प्रसाद एवं माधुर्य गुण की प्रधानता है। सूरदास के काव्य में उपमा, उत्प्रेक्षा और रूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
साहित्य में स्थान :- सूरदास साहित्य जगत के सूर्य हैं। उनका साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है।
5) गांधी जी ने कोन स आश्रम स्थापित किया
उत्तर:-
गांधीजी ने सेवक ग्राम आश्रम की स्थापना की
7) छायावाद युग की विशेषताएँ लिखो
उत्तर:-
विशेषताएँ
(1) व्यक्तिवाद की प्रधानता
( 2 ) श्रृंगार भावना
(3) प्रकृति का मानवीकरण
( 4 ) सौन्दर्यानुभूति
(5) वेदना एवं करूणा का आधिक्य
(6) अज्ञात सत्ता के प्रति प्रेम
(7) नारी के प्रति नवीन भावना
(8) जीवन दर्शन
8) संधि ओर समास में तीन अंतर लिखो
उत्तर:-
9) महाकाव्य ओर खंड काव्य में क्या अंतर है
उत्तर:-
10)अपने बड़े भाई की शादी में अपने मित्र को आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखो
उत्तर:-
16, आजाद चौक
कटनी
दिनाँक
परमप्रिय मित्र नमन्,
सप्रेम नमस्कार ।
अत्यन्त प्रसन्नता का समाचार है कि मेरे बड़े भाई अजय का विवाहोत्सव 20 जनवरी को होना निश्चित हुआ है। विवाह समारोह भोपाल से हो रहा है। बारात कटनी से भोपाल के लिये 20 जनवरी को प्रातः काल प्रस्थान करेगी। विवाह समारोह में सम्मिलित होने के लिये तुम्हें अवश्य आना है। माताजी तथा पिताजी ने तुम्हारे आने के लिये जोर देकर कहा है। तुम 19 जनवरी 2021 को आ जाना ताकि आराम कर सकोगे । आदरणीय माताजी एवं पिताजी को सादर चरण स्पर्श, छोटी को स्नेह ।
तुम्हारा मित्र
विजय
11)अपने प्राचार्य को स्कूल की फीस माफ करने के लिए आवेदन पत्र लिखो
उत्तर:-
सेवा में,
प्रधानाचार्य / प्रधानाचार्या जी
अपने विद्यालय का नाम
25 सितंबर 2021
विषय : स्कूल की फीस माफी के लिए पत्र।
आदरणीय महोदय / महोदया,
सविनय निवेदन यह है की मैं आपके स्कूल के कक्षा 7 का छात्र हूँ और मैं स्कूल फीस का भुगतान करने में असमर्थ हूं क्योंकि मेरे पिता आर्थिक रूप से बहूत कमजोर हैं। मेरे पिताजी एक छोटी दूकान चलाते हैं जिससे उनकी आय बहूत कम होती है। उनकी मासिक आय मात्र 6000 रुपये है। जिसमे पुरे परिवार का पालन-पोषण मुश्किल से हो पाता है। इसलिए मेरे पिताजी स्कूल का फीस का भुगतान करने में असमर्थ है।
मैं अपनी कक्षा का परिश्रमी छात्र हूँ और मैं हर साल अपनी कक्षा में प्रथम आता हूँ। मुझमें शिक्षा के लिए जुनून है और मैं आगे पढ़ना चाहता हूँ।
अतः आपसे अनुरोध है की आप मेरे विद्यालय की फीस माफ करने की कृपा करें जिससे की मैं आगे की अध्ययन जारी रख सकूं। मुझे उम्मीद है कि आप मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे। आपकी इस कृपा के लिए मै सदा आपका आभारी रहूँगा।
आपकी आज्ञाकारी छात्र / छात्रा
अपना नाम
कक्षा :
12)आधुनिक काल के कवियों के नाम लिखो
उत्तर:-
मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी
13)उद्धव का व्ययहार कैसा था तथा उसकी तुलना किस किस के साथ की गई है
उत्तर:- उद्धव ज्ञानियों जैसे व्यवहार करते हैं।
गोपियाँ, उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते और तेल की गगरी से करती हैं।
1- गोपियाँ कहती है कि उद्धव का व्यवहार उस कमल के पत्ते की तरह है जो रहता तो पानी में है लेकिन उसमें डूबता नहीं। पानी का असर कमल के पत्ते पर नहीं होता। अर्थात श्री कृष्ण के सानिध्य में रहकर भी उद्धव उनके प्रभाव से मुक्त है। उद्धव पर श्री कृष्ण के प्रेम का कोई असर नहीं पड़ता है।
2- गोपियाँ उद्धव के व्यवहार की तुलना जल के मध्य रखे तेल के मटके से भी करती है। अर्थात जिस प्रकार तेल के मटके को जल के मध्य कितनी भी देर रख दो उस पर जल की एक भी बूँद नहीं रूकती। ठीक उसी प्रकार उद्धव श्री कृष्ण के समीप होते हुए भी उनके प्रेम से वंचित रहते हैं। श्री कृष्ण के प्रेम का उद्धव पर कोई असर नहीं होता और वह ज्ञानियों जैसे व्यवहार करते हैं।
14)दोहा की परिभाषा उदाहरण सहित दो
उत्तर:-
इसके प्रथम और तृतीय चरणों में 13-13 और द्वितीय तथा चतुर्थ चरणों में 11-11 मात्राएँ होती हैं ।
उदाहरण- "मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरिक सोय। जा तन की झाँई परे, स्याम हरित दुति होय ॥"
15)भक्ति काल तथा रीतिकाल की दो विशेषताएं लिखो
उत्तर:-
भक्तिकाल की विशेषताएँ:-
सगुण तथा निर्गुण ब्रह्म की उपासना।
गुरु की महिमा
ईश्वर के नाम की महिमा।
ब्रजभाषा एवं अवधी भाषा का प्रयोग।
समर्पण की भावना।
दीनता की अभिव्यक्ति।
बाह्याडम्बरों का विरोध।
मानवतावादी धर्म की महत्ता।
रीतिकाल की विशेषताएँ:-
1. रीतिकाल में अधिकांशत: दरबारी काव्य की रचना हुई ।
2. रीतिकाल में मुक्तक काव्य की प्रधानता रही हैं।
3. इस काल की भाषा ब्रजभाषा थी ।
4. कवित्त, सवैया, दोहा, कुण्डलियाँ इस काल के बहुप्रयुक्त छन्द है।
16)निबंध
प्रदूषण
फेस्टिवल
गेम्स
उत्तर:-
प्रश्न-17) कैप्टन की मृत्यु का समाचार देते वक्त पानवाला उदास हो जाता है, क्यों ?
उत्तर:-
देश के लिए सुभाष के किए कार्यों को यादकर उनके प्रति श्रद्धा उमड़ पड़ती थी। इस कारण हालदार साहब चौराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारते रहते थे। जो पानवाला कभी कैप्टन का उपहास करता था, यहाँ तक कि अधिक देर तक कैप्टन के बारे में बातें करना उसे अच्छा नहीं लगता था वही पानवाला कैप्टन की मौत पर भावुक हो उठा।
18) जार्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या क्या प्रयत्न किया
उत्तर:-
जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को लगाने के लिए मूर्तिकार ने अनेक प्रयत्न किए। उसने सबसे पहले उस पत्थर को खोजने का प्रयत्न किया जिससे वह मूर्ति बनी थी। ... अंत में जीवित व्यक्ति की नाक काटकर जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर लगा दी।
19) निम्नलिखित में से किन्ही दो का समास-विग्रह कर नाम लिखिए
राजभवन, चौराहा, रात-दिन
उत्तर:-राजभवन = राजा का भवन
चौराहा= चार राहों का संगम
रात-दिन = प्रत्येक दिन
20) निपात शब्द किसे कहते है? उदारहण द्वारा समझाइए ।
उत्तर:-
निपात (Particle) की परिभाषा
किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात कहते है। जैसे- तक, मत, क्या, हाँ, भी, केवल, जी, नहीं, न, काश। उदाहरण- तुम्हें आज रात रुकना ही पड़ेगा। तुमने तो हद कर दी।21) निम्नलिखित वाक्यांशो के लिए एक शब्द लिखिए (क) रास्ता दिखाने वाला
(ख) जो उच्च कुल में पैदा हुआ है।
उत्तर:- क) मार्गदर्शक
ख) कुलीन
प्रश्न 21 स्वयं प्रकाश अथवा रामवृक्ष बेनीपुरी जी की कोई दो रचनाएँ लिखते विशेषताएँ लिखिए | उनकी साहित्यिक
विशेषताएं लिखिए
उत्तर:-
रामवृक्ष बेनीपुरी -
रचनाएँ'- 'गेहूँ बनाम गुलाब', 'पतितों के देश में', 'माटी की मूरतें', लाल तारा', 'चिता के फूल' आदि ।
भाषा- इनकी भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है। इनकी भाषा में ओज है। इनकी सशक्त भाषा विचार और भाव को अभिव्यक्त करने में पूर्ण समर्थ है। मुहावरों और कहावतों के प्रयोग से भाषा में सुन्दरता आ गई है। अलंकार भाषा के सौन्दर्य को बढ़ाने में सहायक हुए हैं।
शैली -
बेनीपुरी की शैली का चमत्कार उनकी रचनाओं में देखा जा सकता है | उनकी मुख्य शैली वर्णनात्मक, आलोचनात्मक, भावात्मक, प्रतीकात्मक एवं चित्रोपम शैली है।
साहित्य में स्थान -
भाषा शैली पर बेनीपुरी जी का असाधारण अधिकार है। इन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया और नाटकों, निबंधों, कहानियों और रेखाचित्रों की रचना करके हिन्दी साहित्य के भण्डार में वृद्धि की।
प्रश्न 22) निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए. श्रम-साधना करने वाले को यश प्राप्त होता है और वैभव भी श्रम करके एक निर्धन परिवार का बालक भी उच्च पद पर आसीन हो जाता है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बदल देता है। श्रम करके हमे अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है तथा परम संतोष का अनुभव होता है। श्रम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। शारीरिक श्रम करने वाले प्रायः दीर्घजीवी होते हैं। श्रम करने वाला विकट परिस्थितियों में भी नहीं घबराता है। आत्मविश्वास उनका रक्षक बन जाता है परिश्रम सफलता का मूलमंत्र है। बिना परिश्रम किए किसी को भी सफलता नहीं मिलती है। यदि मिलती है तो वह स्थायी नहीं होती। परिश्रम व्यक्ति में आत्मसंतोष और आत्मनिर्भरता की भावना लाता है। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। अतः परिश्रमी बनो।
प्रश्न (क) श्रम का पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर:- मेहनत, परिश्रम
(ख) सफलता का मूलमन्त्र क्या है ?
उत्तर:- परिश्रम सफलता का मूलमंत्र है।
(ग) श्रम करने वालों का रक्षक कौन होता है
उत्तर:-
'श्रम करने वालों का रक्षक आत्मविश्वास होता है
23) 'नेताजी का चश्मा' पाठ का उद्देश्य लिखिए |
उत्तर:-
देश का निर्माण कोई अकेला नहीं कर सकता है। जब-जब देश का निर्माण होता है उसमें कुछ नाम प्रसिद्ध हो जाते हैं और कुछ नाम गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। प्रस्तुत पाठ में भी यही दर्शाया गया है कि नगरपालिका वाले कस्बे के चौराहे पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगवाते हैं। मूर्तिकार नेता जी की मूर्ति का चश्मा बनाना भूल जाता है। उस कस्बे में कैप्टन नाम का व्यक्ति चश्मे बेचने वाला है। उसे बिना चश्मे के नेता जी का व्यक्तित्व अधूरा लगता है। इसलिए वह उस मूर्ति पर अपने पास से चश्मा लगवा देता है। सब लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। उसके मरने के बाद नेता जी की मूर्ति बिना चश्मे के चौराहे पर लगी रहती है। बिना चश्मे की मूर्ति हालदार साहब को भी दु:खी कर देती है। वह ड्राइवर से चौराहे पर बिना रुके आगे बढ़ने को कहते हैं लेकिन उनकी नजर अचानक मूर्ति पर पड़ती है जिस पर किसी बच्चे द्वारा सरकंडे का बनाया चश्मा लगा हुआ था। यह दृश्य हालदार साहब को देशभक्ति की भावना से भर देता है। अत: इस पाठ का प्रमुख लक्ष्य है कि देश के निर्माण में करोड़ों गुमनाम व्यक्ति अपने-अपने ढंग से योगदान देते हैं। इस योगदान में बड़े ही नहीं अपितु बच्चे भी शामिल होते हैं।
24) निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ-प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए |
ऊधौ, तुम हाँ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तैं नाहिन मन अनुरागी | पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी । ज्यौ जल माहें तेल की गागरि, बूँद न ताको लागी।
उत्तर:-
संदर्भ - पद कृष्ण-भक्ति के प्रमुख कवि सूरदास के द्वारा रचित 'सूरसागर' में संकलित 'भ्रमर गीत' प्रसंग से लिया गया है। इसे हमारी पाठ्य-पुस्तक क्षितिज भाग- 2 में संकलित किया गया है।
प्रसंग- गोपियां सगुण-प्रेम-पथ के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करती हैं और मानती हैं कि वे किसी भी प्रकार स्वयं को श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर नहीं कर सकतीं।
व्याख्या- गोपियां उद्धव की प्रेमहीनता पर व्यंग्य करती हुई कहती हैं कि हे उद्धव! तुम सचमुच बड़े भाग्यशाली हो क्योंकि तुम प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त हो, अनासक्त हो और तुम्हारा मन किंसी के प्रेम में डूबता नहीं। तुम श्रीकृष्ण के निकट रह कर भी उन के प्रेम बंधन से उसी तरह मुक्त हो जैसे कमल का पला सदा पानी में रहता है पर फिर भी उस पर जल का एक दाग भी नहीं लग पाता; उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहरती । तेल की मटकी को जल में डुबोने से उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहरती। इसी प्रकार तुम भी श्रीकृष्ण के निकट रहते हुए भी उन से प्रेम नहीं करते और उन के प्रभाव से सदा मुक्त बने रहते हो। तुम ने आज तक कभी भी प्रेम रूपी नदी में अपना पैर नहीं डुबोया और तुम्हारी दृष्टि किसी के रूप को देख कर भी उस में उलझी नहीं। पर हम तो भोली-भाली अबलाएं हैं जो अपने प्रियतम श्रीकृष्ण की रूप-माधुरी के प्रेम में उसी प्रकार उलझ गई हैं जैसे चींटी गुड पर आसक्त हो उस पर चिपट जाती है और फिर कभी छूट नहीं पाती, वह वहीं प्राण त्याग देती है।
1 टिप्पणियाँ
Sir isame to hamari books ke questions to hehi nahi
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