CLASS -10 HINDI MONTHLY TEST AUGUST FULL SOLUTION | MP BOARD MONTHLY TEST AUGUST CLASS 10 HINDI FULL SOLUTION

                            मासिक टेस्ट
                           माह - अगस्त
                             कक्षा - 10
                           विषय - हिन्दी

जैसा की आप सभी को पता है मध्य प्रदेश बोर्ड में सत्र 2021 - 22 के लिए मासिक टेस्ट लिया जा रहा है जिसे हर विद्यार्थी को देना अनिवार्य होगा|

इस पोस्ट में आप कक्षा - 10वीं, विषय - हिंदी, माह - अगस्त के मासिक टेस्ट का संपूर्ण हल देखेंगे आप इनका उत्तर अपनी कॉपी में लिख सकते हैं
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनकर लिखिए -

(क) स्वयं प्रकाश जी का जन्म हुआ था

(अ) भोपाल

(ब) इंदौर
(स) सागर
(द) जबलपुर
उत्तर:- (ब) इंदौर
(ख) लेखक के पिता लेखक को कहकर पुकारते थे

( अ ) गोरखनाथ
(ब) भोलानाथ (स) रामनाथ
(द) पशुपतिनाथ
उत्तर:- (ब) भोलानाथ
प्रश्न-2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(अ) सूरदास जी का जन्म......सन् 1478.......में हुआ है । (सन् 1378 / सन् 1478)
(ब) स्वयं प्रकाश जी का.....ईंधन....उपन्यास है | (ईंधन / पतितों के देश में)

प्रश्न-3 सत्य/असत्य छांट कर लिखिए -

(अ) माता का अँचल पाठ के लेखक शिव पूजन जी है।
उत्तर:- सत्य
(ब) सूरदास जी की भाषा अवधी है |
उत्तर:- असत्य

प्रश्न-4 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए

(अ) 'चॅदोआ' का अर्थ लिखिए |
उत्तर:- कपड़े, फूलों आदि का छोटा मंडप
(ब) हालदार ने पानवाले से क्या पूछा |
उत्तर:- हालदार साहब ने पानवाले से पूछा कि हर बार नेताजी का चश्मा बदल कैसे जाता है?

प्रश्न-5 आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाते थे ?
उत्तर:- शिशु अपनी स्वाभाविक आदत के अनुसार अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुचि लेता है। उनके साथ खेलना अच्छा लगता है। अपनी उम्र के साथ जिस रुचि से खेलता है वह रुचि बड़ों के साथ नहीं होती है। दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक भी है-बच्चे को अपने साथियों के बीच सिसकने या रोने में हीनता का अनुभव होता है। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।

प्रश्न -6 गोपियाँ क्या व्यथा सह रही थी और किसके बल पर सह रही थी ?
उत्तर:- गोपियों श्रीकृष्ण के वियोग में विरह व्यथा को सह रही थीं। उन्हें यह विश्वास था कि श्रीकृष्ण एक-न-एक दिन ब्रज वापिस अवश्य आएँगे।

प्रश्न-7 सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर:- चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा परन्तु चश्मेवाला एक देशभक्त नागरिक था। उसके हृदय में देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान था। वह अपनी ओर से एक चश्मा नेताजी की मूर्ति पर अवश्य लगाता था उसकी इसी भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे।

प्रश्न-8 स्वयं प्रकाश जी की दो रचनाएँ, भाषा शैली एवं साहित्य में स्थान लिखिए
उत्तर:- दो रचनाएँ:- सूरज कब निकलेगा’, ‘आएँगे अच्छे दिन भी’
भाषा शैली:- स्वयं प्रकाश ने अपनी रचनाओं के लिए सरल, सहज एवं भावानुकूल भाषा को अपनाया है। उन्होंने लोक-प्रचलित खड़ी बोली में अपनी रचनाएँ की। तत्सम, तद्भव, देशज, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी के शब्दों की बहुलता से प्रयोग है, फिर भी वे शब्द स्वाभाविक बन पड़े हैं। उनके छोटे-छोटे वाक्यों में चुटिलता है। हास्य एवं व्यंग्य उनकी रचनाओं का प्रमुख विषय रहा है।
साहित्य में स्थान:- स्वयं प्रकाश मध्यवर्गीय जीवन के कुशल चितेरे हैं। उनकी कहानियों में वर्ग-शोषण के विरुद्ध चेतना का भाव देखने को मिलता है। उन्होंने अपनी रचनाओं के अंतर्गत सामाजिक जीवन में जाति, संप्रदाय और लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव के विरुद्ध प्रतिकार के स्वर को उभारा है।

 प्र-9 नीचे लिखे पयांश का स-प्रसंग भावार्थ लिखिए -

ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।

अपरस रहत सनेह तगा है, नाहिन मन अनुरागी |

इन पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी ।

क्यों जल माहँ तेल की गागरि, बँद न ताकौ लागी।"

उत्तर:- प्रसंग- प्रस्तुत पद कृष्ण-भक्ति के प्रमुख कवि सूरदास के द्वारा रचित 'सूरसागर' में संकलित 'भ्रमर गीत' प्रसंग से लिया गया है। इसे हमारी पाठ्य-पुस्तक क्षितिज भाग- 2 में संकलित किया गया है। गोपियां सगुण-प्रेम-पथ के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट करती हैं और मानती हैं कि वे किसी भी प्रकार स्वयं को श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर नहीं कर सकतीं।

व्याख्या गोपियां उद्धव की प्रेमहीनता पर व्यंग्य करती हुई कहती हैं कि हे उद्धव! तुम सचमुच बड़े भाग्यशाली हो क्योंकि तुम प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त हो, अनासक्त हो और तुम्हारा मन किंसी के प्रेम में डूबता नहीं। तुम श्रीकृष्ण के निकट रह कर भी उन के प्रेम बंधन से उसी तरह मुक्त हो जैसे कमल का पला सदा पानी में रहता है पर फिर भी उस पर जल का एक दाग भी नहीं लग पाता; उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहरती। तेल की मटकी को जल में डुबोने से उस पर जल की एक बूंद भी नहीं ठहरती। इसी प्रकार तुम भी श्रीकृष्ण के निकट रहते हुए भी उन से प्रेम नहीं करते और उन के प्रभाव से सदा मुक्त बने रहते हो

10 आशय स्पष्ट कीजिए

बार बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर गृहस्थी जवानी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने की मौके ढूढती है।"

उक्त पंक्ति का आशय यह है कि बहुत से लोगों ने देश के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। कुछ लोग उनके बलिदान की प्रशंसा न करके ऐसे देशभक्तों का उपहास उड़ाते हैं। लोगों में देशभक्ति की ऐसी घटती भावना निश्चित रूप से निंदनीय है। ऐसे लोग इस हद तक स्वार्थी होते हैं कि उनके लिए अपनी स्वार्थ ही सर्वोपरि होता है। वे अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए देशद्रोह करने तक को तैयार रहते हैं।

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