पाक्षिक टेस्ट - 2,कक्षा - 10वीं, विषय सामाजिक विज्ञान, माह -अगस्त 2021 का संपूर्ण हल | pakshik test 2 2021 class 10 social science august full solution

इस ब्लॉग में हम देखने वाले हैं छत्तीसगढ़ बोर्ड:- कक्षा - 10वीं, विषय - सामाजिक विज्ञान, पाक्षिक टेस्ट क्रमांक - 2,माह - अगस्त 2021 का संपूर्ण हल

आप इनका उत्तर अपनी कॉपी में लिख लिजीए-

प्रश्न (1) सही विकल्प चुनकर लिखिए-

(1) प्रथम विश्व युद्ध कब हुआ था -
उत्तर :- 1914

(2) वर्साय की संधि कब हुई उत्तर - 1919

(3) राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई -

उत्तर 1920

(4) विकास के लिए संघर्ष आवश्यक है। इस संघर्ष में वही बचेगा जो योग्य है। यह किसका सिद्धान्त है

उत्तर डार्विन

(5) संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व युद्ध में कल सम्मिलित हुआ

उत्तर 1917

(6) राष्ट्रवादी सर्वियाई ने किस जगह पर आस्ट्रिया के राजकुमार और उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी

उत्तर साराजेवो

(7) अमेरिका के राष्ट्रपति थे-

उत्तर - इनमें से कोई नहीं

( 8 ) गुप्त संधि कब हुई उत्तर - 1914

(9) राष्ट्र संघ की स्थापना क्यों की गई
उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्थाई शांति कायम करने के लिए बुलाए गए पेरिस शांति सम्मेलन ने 25 जनवरी 1919 को राष्ट्र संघ बनाने के प्रस्तावफ़्रान्सीसी: फ़्रान्सीसी‎जर्मन : Völkerbund का अनुमोदन कर दिया। राष्ट्र संघ के नियमों का मसौदा एक विशेष आयोग द्वारा तैयार किया गया था और वरसाई की संधि के भाग द्वारा संघ की स्थापना हुई।

(10) क्या उद्योगों के निवेश में मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है
उत्तर - हां, उद्योगों के निवेशों में मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। यदि हम ऐसे उद्योगों का निर्माण करेंगे, जिनसे युद्ध व विध्वंश होता है, उससे हजारों-लाखों लोगों का जीवन नष्ट हो जाता है और उस उद्योग से मिलने वाला लाभ कुछ ही लोगों को प्राप्त होता है। यदि हम निवेश में मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो उससे ऐसे उद्योग विकसित होंगे, जिससे विकास में सहायता मिलेगी, हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा और उत्पादन से लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इसलिए हमें उद्योगों के निवेश में मानवतावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए मानव मात्र के कल्याण को ध्यान में रखना चाहिए।

प्रश्न - II) आद्योगिकरण और विश्व युद्ध में क्या-क्या संबंध आप देखते हैं

उत्तर - बीसवीं सदी के पहले दशक तक कई बदलावों ने भारत में औद्योगीकरण पर प्रभाव डाला था। स्वदेशी आंदोलन से प्रभावित होकर औद्योगिक समूह भी संगठित हो रहे थे और सरकार से अपने सामूहिक हितों के लिए पहल करने लगे थे। व्यवसायियों ने आयात शुल्क बढ़ाने तथा अन्य रियायतों के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरु किया। इस बीच भारत से चीन को जाने वाले भारतीय धागे का निर्यात घट रहा था क्योंकि चीन और जापान की मिलों के उत्पाद से चीन का बाजार भर चुका था। अब भारतीय उत्पादकों ने सूती धागे को छोड़कर सूती कपड़े बनाने पर अधिक जोर दिया। इसके परिणामस्वरूप 1900 और 1912 के बीच भारत में सूती कपड़े का उत्पादन दोगुना हो गया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन की मिलों में सेना की जरूरत के हिसाब से काम हो रहा था। इससे भारत में ब्रिटेन से आने वाला आयात घट गया था और भारत की मिलों के लिए घरेलू बाजार तैयार हो चुका था। भारत की मिलों में ब्रिटिश सेना के लिए भी सामान बनने लगे। इससे उद्योग धंधे में वृद्धि हुई। युद्ध समाप्त होने के बाद मैनचेस्टर को भारत के बाजार में पुरानी पकड़ नहीं मिल पाई। अब संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी और जापान के उद्योग ब्रिटेन से कहीं आगे निकल चुके थे।



प्रश्न – (12) प्रथम विश्व युद्ध के बाद सैनिकों की दशा सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है ?
उत्तर- सैनिकों की दशा सुधारने के लिए कई कदम जा सकते हैं-

1. योग्यता एवं शारीरिक क्षमता वाले लोगों को ही सेना में भर्ती किया जाता तथा इनके स्वास्थ्य एवं भोजन का विशेष प्रबंध किया जाता

2. सैनिकों को छिपाने के लिए बैरक बनाये जाते थे उन्हें स्वास्थ्य को दृष्टि से अनुकूलन परिस्थितियों में बनाया जाता, सैनिक की चिकित्सा के लिए पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था की जानी चाहिए थी

3.बन्दी बनाएं हुए सैनिक को अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के तहत मानवीय सुविधा एवं सहानुभूति पूर्वक रखकर उन्हें अमानवीय यातानाओं और घृणापूर्ण व्यवहार से सुरक्षा
प्रदान किया जाना आवश्यक था

4. सभी देश अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का पालन कर सैनिकों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं और उनकी असामयिक मौतो को कम कर सकते हैं

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